पल पल हमारी सूरते हालात की ख़बर |
वो कौन देता है उसे हर बात की ख़बर ||
छुप कर अँधेरी रात में मैंने किया था जो |
मिल ही गयी उसे मेरी उस रात की ख़बर ||
कच्चे घरोंदे देख कर छुटती है कपकपी |
टी वी सुनाने लग गया बरसात की ख़बर ||
सुन सुन सभी होने लगे बेचैन बेसबब |
मेरे तुम्हारे बीच मुलाक़ात की ख़बर ||
लफ़्ज़ों को तौल तौल के बोला करो जनाब |
यें लोग उड़ा देते हैं बेबात की ख़बर ||
डा० सुरेन्द्र सैनी
लड़ता है क्यूँ जब मैक़दा जितना तेरा उतना मेरा |
बरसों से रिश्ता ये जाम का जितना तेरा उतना मेरा ||
मज़हब का जाम करे नशा जितना तुझे उतना मुझे |
इसके के न पीने में है नफ़ा जितना तेरा उतना मेरा ||
चलने की ख़ातिर रास्ता रस्ते बिना चलिए ज़रा |
वर्ना कहो यह रास्ता जितना तेरा उतना मेरा ||
हमको लड़ा कर शान से कुर्सी पे क़ाबिज़ होगये |
इन लीडरों से ये है गिला जितना तेरा उतना मेरा ||
फ़स्लें उगाये ज़मीन पर इंसान लाशें गिराये क्यूँ |
बस दाल रोटी का सिलसिला जितना तेरा उतना मेरा ||
मंदिर बने मस्ज़िद बने कहीं भी बने न बने तो क्या |
करना भला चाहता ख़ुदा जितना तेरा उतना मेरा ||
डा० सुरेन्द्र सैनी
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